Description
केशवर्धक में शिकेकाई, रीठा है, जिससे सफाई होती है। नागर मोथा, जटामांसी, मेहंदी, आंवला है, जिससे पोषण होता है। भृंगराज स्वाभाविक कालेपन के लिए है। कपूर कचली पोषण के साथ सुगंध के लिए होती है। यह सब अम्लीय क्रिया करते हैं। उससे सारे काम हो जाते हैं और साबुन का क्षार भी नहीं होता। इसलिए बाल रूखे भुरभुरे भी नहीं होते।
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