Description
पित्त, पीलिया, हाथीपाँव, मधुमेह, प्रदर, कैंसर, क्षय रोग मे लाभकारी, प्लैटलेट बढ़ाने वाला, क्रियेटिनीन कम करने हेतु, कुष्ठ, डेंगू, स्वाइन फ्लू, कोरोना तथा चिकनगुनिया, सहित किसी भी प्रकार के बुखार में प्रभावी औषधि, स्थूलता कम करने वाली, कैंसर रोगियों को कीमो थेरेपी होने के बाद या पहले, गिलोए नियमित रूप से लेने से कीमो के कुप्रभावों से मुक्ति के साथ कैंसर कोषों के बढ़ने की सम्भावनाएं भी समाप्त होती हैं। ताजी गिलोए 20 नीम पत्र और दो पिप्पली दानों के साथ रात में भिगो कर सुबह छान कर खाली पेट लेने से यकृत क्रियाशील होता है और मन्दाग्नि की शिकायत नहीं रहती। हाथीपांव में इसे सरसों के तेल के साथ सेवन करना चाहिये।
Effective herb to treat any type of feve, including dengue, swine flu, and chikungunya, For Vata-Pitta-Kapha equilibrium, very effective treatment for Corona, jaundice, Filariasis, diabetes, leucorrhoea, any type of Cancer, beneficial in tuberculosis, platelet enhancer, to reduce creatinine, leprosy, Taking Giloe regularly eliminates the ill effects of chemo and also reduces the chances of regrowth of cancer cells. Soaked at night with fresh nectar of 20 neem leaves and two peppercorns, filtering in the morning and taking empty stomach in the morning, makes the liver active and there is no complaint of indigestion. In Filariasis it should be consumed with mustard oil.
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