Description
इसमें मुल्तानी, काली और लाल मिट्टी के साथ देसी गाय के गोबर की राख, कपूर और लोध्र छाल का चूर्ण है। यह त्वचा रोग के लिए अति उत्तम तो है ही, त्वचा को मुलायम चमकदार और साफ भी करती है। आंखों पर मलमल के कपड़े के ऊपर लोई बनाकर यह मिट्टी रखी जाती है इससे आंखों की ज्योति बढ़ती है, सिर दर्द एवं तनाव ठीक होता है और उच्च रक्तचाप भी कम होता है। सर्वांग मिट्टी लेप करने से क्रिएटिनिन भी कम होता है। क्योंकि रक्त में से यूरिया हटाने का जो काम किडनी को करना होता है, वह काम सर्वांग मिट्टी लेप लगाने से शरीर के हर रोम छिद्र द्वारा किया जाता है। सिर सहित सारे शरीर में लेप लगाकर आधा घंटा रखने से कैंसर, अम्लता, त्वचा रोग, उष्णता, शरीर दर्द, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मनोरोग, किडनी, नर्वस सिस्टम या स्नायु तंत्र के रोग और मांसपेशियों की कमजोरी आदि सभी रोग ठीक होते हैं या उनमें लाभ मिलता है। ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु एवं शरद ऋतु में इसका भरपूर उपयोग करें।
It contains multani, black and red clay powder of desi cow dung ash, camphor and Lodhra bark. Not only is it excellent for skin disease, it also makes the skin soft, shiny and clean. This clay is placed on the eyes by making a dough on top of muslin cloth, it increases eyesight, cures headaches and stress and also reduces high blood pressure. Creatinine is also reduced by applying Jadoo mitti. Because the work that the kidneys have to do to remove urea from the blood, can be done through every pore of the body by applying the mud all over the body. All the diseases including cancer, acidity, skin diseases, heat, body pain, high blood pressure, diabetes, psychosis, kidney, nervous disorder and muscle weakness etc. can be cured by applying it half hour one or twice daily to the entire body including the head. Make full use of it in summer, rainy season and autumn
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