आहार नियमः ध्यान रखने योग्य बातें
रसाहार के पूर्व दूध, दूध वाली चाय, बिस्कुट अथवा कोई भी अन्य आहार ग्रहण न करें।
देर से रसाहार करने की स्थिति में रसाहार से आधा घंटे पूर्व पायनेपल छोड़ कर कोई भी अन्य ताजे मौसमी फल लिये जा सकते हैं।
रसाहार के आधे घंटे बाद अंकुरित अनाज, मेवे, सलाद, कच्ची सब्जियां, फल, धान, ज्वार या राजगिरे की लाई, गुड़, शहद, खजूर या छाछ लिया जा सकता है। किन्तु कोई कोई पक्व आहार न लें।
दोपहर भोजन 10 बजे से 1 बजे के बीच करें।
रात्रि भोजन 6 बजे से 8 बजे के बीच करें।
भोजन के समय या तुरन्त बाद पानी न पियें।
सायंकाल में रसाहार लेना हो तो योग्य समय 4 बजे से 6 बजे के बीच है।
सायंकाल के रसाहार से 4 घन्टे पूर्व भोजन हो जाना चाहिये।
सायंकाल के रसाहार में भी सुबह के ही सभी नियमों का पालन कीजिये।
आयुर्वेदानुसार सभी के लिये प्रातः फल या रसाहार, दोपहर दही, छाछ एवं रात्रि में दूध पीना उचित है। चातुर्मास अर्थात लगभग मानसून से षरद पूर्णिमा तक दही, छाछ वर्जित है।
Sushma Narkhede. I am suffering from hypothyroid and high BP.
Please read the post Avartan Dhyan and fallow the Yoga class according to the given audio in it.